जानिए छोटी हरड़ के फायदे और नुकसान इन 25 रोगों में फायदेमंद बस ऐसे करे इस्तेमाल-

आयुर्वेद की शक्तिशाली औषधियो में से एक है छोटी हरड़, इस आर्टिकल में छोटी हरड़ के फायदे और नुकसान Chhoti Harad Ke Fayde Aur Nuksan- के अलावा इससे जुड़ी सारी जानकारी दी गई है। यह छोटी सी चीज इतनी बीमारियों में काम आती है आप सोच भी नहीं सकते। छोटी हरड़ के फायदे (Chhoti Harad Ke Fayde) बड़े हैं। हरड़ कई प्रकार की होती हैं इस लेख में छोटी हरड़ के फायदे व नुकसान, इसकी तासीर, उपयोग, औषधि गुण क्या है, कौन इसे उपयोग कर सकता है, कौन नहीं आदि

इसलिए आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़ें। छोटी हरड़ के फायदे और नुकसान जानने से पहले आईए जानते हैं छोटी हरड़ क्या और कैसी होती है?

छोटी हरड़ क्या और कैसी होती है-

हरड़ के पेड़ पर लगने वाला एक फल है, जो 1 से 2 इंच लंबा और रंग में काला होता है। हरड़ को हरीतकी नाम से भी जाना जाता है और अंग्रेजी में Chebulic Myrobalan. इसका उपयोग कई बीमारियों के इलाज किया जाता है। हरड़ के फल में गुठली पैदा होने से पहले ही तोड़कर सुखा लिया जाता है उन्हें छोटी हरड़ कहा जाता है।

यह आकार में छोटी और लंबी होती है सूखने के बाद इसका रंग काला हो जाता है। लेकिन आप इसकी छोटेपन पर मत जाइए यह सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद होती है। हरड़ कई प्रकार की होती है तो चलिए बात करते हैं हरड़ के प्रकार के बारे में।

हरड़ कितने प्रकार की होती है-

हरड़ की कुल 7 प्रजातियां होती हैं जो इस प्रकार है- 1.रोहिणी, 2.अमृता, 3.अभया, 4.चेतकी, 5.विजया, 6.पूतना और 7.जीवन्ती आदि लेकिन वर्तमान समय में केवल तीन प्रकार की ही मिलती है जिसे लोग हरड़, छोटी हरड़ और बड़ी हरड़ के नाम से जानते हैं, और इसकी तासीर गर्म होती है।

छोटी हरड़ के औषधि गुण-

इसमें कई सारे गुण पाए जाते हैं जो खांसी, जुखाम, कब्ज, पीलिया, बवासीर, पेट साफ करना, पाचन शक्ति, एलर्जी, आंखों की रोशनी, सूजन, दांत दर्द, बालों के लिए, थकान दूर करना, वजन घटाने में मददगार, यौनशक्ति के लिए, मुंह के छाले, मुंह में सूजन, आदि से लेकर शरीर के कई छोटी-बड़ी बीमारियों को ठीक करने का गुण इसमें मौजूद होता है। आईए जानते हैं छोटी हरड़ के फायदे Harad Ke Fayde-

छोटी हरड़ के फायदे- Chhoti Harad Ke Fayde.

छोटी हरड़ के फायदे कुछ इस प्रकार है Chhoti Harad Ke Fayde-

1- त्वचा रोगों में फायदेमंद

छोटी हरड़ में ऐसे गुण पाए जाते हैं जो त्वचा रोगों से लड़ने में मदद करते हैं और त्वचा को एक अच्छा स्वास्थ्य प्रदान करते हैं इसके लिए छोटी हरड़ के फल का काढ़ा बनाकर पीना चाहिए। दो कप पानी में छोटी हरड़ के फल को अच्छे से उबाले काढ़ा बनने के बाद नियमित रूप से दिन में दो बार इसका सेवन करने से त्वचा रोग में फायदा मिलता है।

2- पाचन शक्ति को बढ़ाए

पाचन शक्ति को मजबूत करने के लिए छोटी हरड़ बहुत ही कारगर औषधि मानी जाती है। यह अपच की समस्या को दूर कर पाचन तंत्र को मजबूत बनाती है। इसके लिए छोटी हरड़ के चूर्ण को गर्म पानी के साथ सेवन करने से पाचन शक्ति अच्छी होती है।

3- एलर्जी रोकने में मददगार

इसका काढ़ा एलर्जी की रामबाण औषधि मानी जाती है। हरड़ के फल को पानी मे उबालकर काढा बना ले, इसे दिन में 2 बार पीने से एलर्जी की समस्या बहुत जल्दी ही ठीक हो जाती है। इस काढ़े से एलर्जी वाले जगह को धोने से भी फायदा होता है।

4- आंखों की रोशनी में वृध्दि

हरड़ आंखों के लिए बहुत ही फायदेमंद होती है। आंखों के सारे विकारों को दूर करती है और रोशनी बढ़ाने में भी मदद करती हैं। इसके लिए हरड़ को पीसकर आंखों के आसपास लगाने से ना केवल आंखों की रोशनी अच्छी होती है, बल्कि आंखों से संबंधित अन्य परेशानियां भी दूर होती हैं।

5- मुँह का सूजन कम करे

शरीर में घाव भरने के साथ-साथ सूजन को भी कम करने में मदद करता है। यदि सूजन मुंह में हो गई है तो इसके लिए हरड़ के पानी से गरारे करने पर लाभ होता है। इससे मुंह का सूजन और यदि दर्द है तो दोनों ही ठीक हो जाते हैं।

6- दांत दर्द से छुटकारा

यदि दांतों में दर्द हो तो हरड़ का चूर्ण इस दर्द को जल्द ही ठीक कर सकता है। इसके लिए छोटी हरड़ के चूर्ण को दांत दर्द वाले हिस्से पर लगाएं दांत दर्द होना जल्द ही बंद हो जाएगा। (ये भी पढ़े- पिले दातो को तुरंत चमकाए)

7- बालों के लिए लाभकारी

हरड़ बालों के लिए बेहद फायदेमंद हैं यह बालों को मजबूत, चमकदार, घना और मुलायम बनाते हैं इसके लिए नारियल के तेल में छोटी हरड़ के चूर्ण को डालकर गर्म करें ताकि छोटी हरड़ के सारे गुण तेल में मिल जाएं इसके बाद तेल को बालों में अच्छी तरह से लगाएं बाल जब सूख जाए तो धो ले बालो में प्राकृतिक कालापन और चमक आएगी।

8- कब्ज में छोटी हरड़ के फायदे।

कब्ज से राहत दिलाने में हरड़ का पल्प बड़ा ही गुणकारी माना जाता है। कब्ज से छुटकारा पाने के लिए इस पल्प को चुटकी भर काले नमक के साथ सेवन करना चाहिए या फिर इस पल्प को 1 ग्राम लोंग या फिर दालचीनी के साथ सेवन करने से कब्ज से राहत मिलता हैं।

9- वजन घटाने में लाभदायक

छोटी हरड़ का उपयोग वजन घटाने के लिए भी किया जा सकता है। क्योंकि इसमें ऐसे गुण मौजूद होते हैं जो पाचन क्रिया को सुधारने में और चर्बी पिघलाने में मदद करते हैं जिससे वजन तेजी के साथ घटने लगता है।

10- शरीर में सूजन और घाव को ठीक करे

एन्टी इन्फ्लामेट्री गुण होने की वजह से शरीर में कहीं भी सूजन हो उसे कम करने में फायदेमंद होता है। इसके लिए या फिर हरड़ के चूर्ण को पानी के साथ सेवन किया जा सकता है या फिर नहाने के पानी में 15 मिनट पहले हरड़ डालकर छोड़ दें और फिर नहा ले इससे घाव जल्दी भरने में मदद मिलती है।

11- मुंह के छाले से राहत दिलाए

मुंह के छालों को जल्दी ठीक करने के लिए छोटी हरड़ बहुत ही उपयोगी मानी जाती है। यदि छोटी हरड़ को घिसकर मुंह के छालों पर लगाया जाए तो इससे बहुत ही जल्द आराम मिल जाता है।

14- बवासीर का रामबाण उपाय

बवासीर एक ऐसी समस्या है जो पाचन शक्ति सही से काम ना करने की वजह से होती है। ऐसे में छोटी हरड़ बहुत ही फायदेमंद होती है क्योंकि ये पाचन शक्ति को मजबूत बनाती हैं इसके अलावा इसमें लैक्सेटिव गुण भी पाया जाता है जो बवासीर से निजात दिलाने में फायदेमंद होता है और साथ ही साथ पेट से जुड़ी सारी समस्याओं को दूर करता है।

15- दस्त की छुट्टी करे

दस्त में छोटी हरड़ का कच्चा फल बड़ा ही फायदेमंद माना जाता है। यह दस्त से बहुत जल्द हीं राहत दिला सकता है। इसके लिए हरड़ के कच्चे फल का चटनी बनाकर सेवन करना चाहिए इस चटनी को दिन में दो से तीन बार रोजाना नियमित रूप से सेवन करें इससे दस्त में जल्दी आराम मिल जाता है।

16- मसूड़े में सूजन को ठीक करे

किसी कारणवश मसूड़ों में सूजन आ गई हो तो छोटी हरड़ इसे छुटकारा दिलाने में काफी मदद करती हैं। मसूड़ों की सूजन से छुटकारा पाने के लिए हरड़ के लेप को छाछ में मिलाकर गरारे करना चाहिए इससे मसूड़ों में सूजन और दर्द दोनो से राहत मिलती है।

17- फंगल इन्फेक्शन से छुटकारा

छोटी हरड़ फंगल इंफेक्शन के लिए रामबाण औषधि मानी जाती है यानी दाद, खाज, खुजली का छुट्टी कर देती है इसके लिए हरड़ के पाउडर में हल्दी मिलाकर फंगल इन्फक्शन वाले स्थान पर लेप करना चाहिए इससे फंगल इंफेक्शन जल्दी ही ठीक हो जाता है।

18- पेट की गैस से राहत

हरड़ का चूर्ण का सेवन करने से पाचन शक्ति मजबूत होती है जिससे पेट से जुड़ी सारी समस्याएं भी दूर होती हैं। ऐसे में पेट की गैस से भी निजात पाया जा सकता है इसके लिए हरड़ के चूर्ण को पानी के साथ सेवन करना चाहिए

19- पुरुषो में यौनशक्ति बढ़ाए

छोटी हरड़ के चूर्ण का सेवन करने से शरीर में ऊर्जा बनी रहती है जिससे यौनशक्ति बढ़ाई जा सकती है। इसके लिए लगातार 1 महीने तक हरड़ के चूर्ण का सेवन करना चाहिए जिससे शारीरिक दुर्बलता दूर होगी और दिन भर शरीर में ऊर्जा बनी रहेगी।

20- पेट साफ रखने में असरदार

हरड़ का चूर्ण शरीर से गंदगी को बाहर निकालने में भी मदद करते हैं। पाचन शक्ति को मजबूत बनाकर पेट संबंधित सारी बीमारियों को ठीक करता है। इसके सेवन से पेट साफ करने में सहायता मिलती है। इसके लिए रात को गर्म दूध या पानी के साथ छोटी हरड़ के चूर्ण का सेवन करना चाहिए।

21- शरीर मे उर्जा बढ़ाए

हरड़ का चूर्ण शरीर में ऊर्जा के स्तर को बढ़ावा देते हैं यानी इसके सेवन से शरीर को भरपूर मात्रा में ऊर्जा मिलती है यदि आपको जल्दी थकान होती है तो छोटी हरड़ के चूर्ण को लगातार एक महीने तक सेवन करें इससे शरीर में ऊर्जा बनी रहेगी और जल्दी थकान नहीं होगी।

22- खांसी में फायदेमंद

छोटी हरड़ में बलगम, खांसी को दूर करने वाला गुण पाया जाता है जो खांसी की समस्या को दूर करने में मदद करता है इससे गले में खराश और खांसी, जुकाम की समस्याएं जल्दी ठीक होती है।

23- अस्थमा का उपचार

छोटी हरड़ में मौजूद एन्टी इन्फ्लामेट्री गुण अस्थमा से राहत दिलाने में मदद कर सकता है, क्योंकि अस्थमा सांस लेने वाले अंग में सूजन होने के कारण होता है और यह शरीर में कहीं भी सूजन हो उसे कम करने मैं मदद करता है। इस तरह से अस्थमा से भी छुटकारा पाया जा सकता है।

24- थकान मिटाए

छोटी हरड़ के चूर्ण का लगातार सेवन करने से थकावट महसूस नहीं होती शरीर में ऊर्जा बनी रहती है और दिन भर आप ताजा महसूस करते हैं क्योंकि हरड़ शक्तिवर्धक माना जाता है जो शरीर में ऊर्जा प्रदान करने का काम करता है।

25- एसिडिटी

यह अपच की समस्या को ठीक कर पाचन शक्ति मजबूत बनाता है और पेट से जुड़ी सारी बीमारियों को दूर करने में मदद करता है। इसके लिए रात को खाना खाने के बाद छोटी हरड़ के चूर्ण को हल्के गर्म पानी के साथ सेवन करने से एसिडिटी की समस्या भी दूर होती है।

छोटी हरड़ कहां पाई जाती है-

हरड़ का एक बड़ा पेड़ होता है जो हिमालय की पहाड़ियों और रावी तट से लेकर पूर्व बंगाल तथा असम के क्षेत्रो में पाया जाता है। यह पहाड़ों पर लगभग पांच हजार फीट की ऊंचाई पर उगते हैं और जंगली क्षेत्रों में भी पाया जाता है।

हरड़ की पहचान क्या है-

इसकी लंबाई लगभग 60 से 80 फिट तक होती है। इस पौधे की छाल गहरे भूरे रंग और इसकी पत्तियां वासा के पत्र के जैसी होती हैं जो 7 से 20 सेंटीमीटर लंबी और डेढ़ से 2 इंच चौड़ी होती हैं। इस पौधे पर छोटे- छोटे फूल होते हैं और इसका फल अंडाकार होता है जो लगभग 2 से 3 इंच लंबा होता है। कच्चे फल हरे रंग और पकने के बाद पीले धूमिल हो जाते हैं। सर्दियों के मौसम में इसके फल आते हैं और प्रत्येक फल में एक बीज होती है।

छोटी हरड़ का उपयोग कैसे करें-

  • छोटी हरड़ का उपयोग चूर्ण के रुप में
  • छोटी हरड़ का काढ़ा बनाकर
  • इसकी चूर्ण का लेप बनाकर किया जा सकता है
  • चूर्ण को चार से पाँच ग्राम की मात्रा में
  • काढ़ा को 20 से 30 मिली कि मात्रा में
  • लेप अपने आवश्यकता अनुसार

छोटी हरड़ के फायदे और नुकसान-

  • गर्भवती महिला हरड़ का सेवन ना करे
  • पित्त की परेशानी में हरड़ का सेवन ना करे
  • पतले व्यक्ति को हरड़ का सेवन ना करे
  • छोटी उम्र के बच्चों को हरड़ नहीं देना चाहिए।
  • गर्मी से पीड़ित व्यक्ति ना
  • अजीर्ण के रोगी उपयोग ना करे
  • शराब पीने वाले व्यक्ति हरड़ से दूर रहे
  • भूखे, प्यासे और थके हुए को नहीं देना चाहिए

निष्कर्ष

दोस्तों आपने इस आर्टिकल में जाना छोटी हरड़ के फायदे और नुकसान Chhoti Harad Ke Fayde Aur Nuksan- इसकी मदद से आप अपने रोग में हरड़ से सही उपचार कर सकते हैं। उम्मीद करता हूं आपके लिए यह आर्टिकल छोटी हरड़ के फायदे और नुकसान Chhoti Harad Ke Fayde Aur Nuksan- बहुत उपयोगी साबित होगा।

दोस्तों हमें आशा है कि आपको ये आर्टिकल छोटी हरड़ के फायदे और नुकसान Chhoti Harad Ke Fayde Aur Nuksan- के बारे में जानकर अच्छा लगा होगा धन्यवाद…

FAQ:-
Q1: छोटी हरड़ क्या काम आती है?

Ans: छोटी हरड़ आयुर्वेदिक औषधियो के रूप में काम आती है।

Q2: क्या हम दूध के साथ हरड़ ले सकते हैं?

Ans: जी हां हरड़ के चूर्ण को गर्म दूध के साथ ले सकते है

Q3: त्रिफला चूर्ण खाने से क्या लाभ होता है?

Ans: पाचन सुधार कर पेट साफ रखने में मदद करता है

Q4: त्रिफला में किस हरड़ का प्रयोग किया जाता है?

Ans: त्रिफला में ज्यादातर बड़ी हरड़ का उपयोग किया जाता है

Q5: छोटी हरड़ का सेवन कैसे करें?

Ans: चूर्ण के रुप में, काढ़ा के रूप में और लेप बनाकर

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